पारद शिवलिंग महत्व मराठी - AN OVERVIEW

पारद शिवलिंग महत्व मराठी - An Overview

पारद शिवलिंग महत्व मराठी - An Overview

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घर में पराद शिवलिंग रखना शुभ होता है। शिवलिंग को घर में रखने से घर में सुख-शांति और नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है। लेकिन शिवलिंग को घर में रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता हैः

पारद शिवलिंग हे महादेवाचे प्रत्यक्ष रुप मानले जाते. त्यामुळे घरात पारद शिवलिंगाची प्रतिष्ठापना करा. घरातील देव्हाऱ्यात पार्वती-शिवांचे चित्र असेल तर त्यांच्यासमोर पारद शिवलिंगाची स्थापना करा. तत्पुर्वी चांदीच्या, तांब्याच्या किंवा पितळाच्या ताटावर पांढरे कापड पसरून त्यांना शिवलिंग बसवावे. सर्व प्रथम पारद शिवलिंगाच्या उजव्या बाजूला दिवा लावावा. त्यापूर्वी त्यांना गंगाजलाने आभिषेक करा.

Parad get oxidises after reacting Along with the atmospheric oxygen. So we have to clear the Parad Shivalingam. We need to each individual alternate day thoroughly clean the Parad shivling with fresh new lemon.

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वैदिक मान्यताओं के अनुसार, पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है। ब्रह्मचारी महाराज के अनुसार हिंदू धर्म के रूद्रसंहिता, शिवपुराण, ब्रह्मपुराण, वायवीय संहिता, ब्रह्मवैवर्तपुराण आदि कई ऐसे ग्रंथ हैं, जिनमें पारद के शिवलिंग की महिमा का उल्लेख मिलता है। सौभाग्य बढ़ाने वाले पारद शिवलिंग का पूजन हमेशा श्रेष्ठ होता है यहां क्लिक करके पढ़िए- पारद के शिवलिंग को चमत्कारी क्यों माना जाता है। 

पाऱ्यापासून निर्मित शिवलिंगाचे आहे विशेष महत्त्व, केवळ स्पर्शाने मिळते पुण्य

आपको बता दें कि सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इसी के साथ सोमवार के दिन भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक भगवान शिव की पूजा करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा उस पर बनती है। इसके अलावा सभी शिवलिंग की पूजा में पारद शिवलिंग की पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।

नंतर गायीचे कच्या दुधाने अभिषेक करून पुन्हा गंगाजल ने अभिषेक करावा.

स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्।।

वहीं जब इसे चांदी के मिला दिया जाता है तो यह ठोस रूप ले लेता है।कहा गया है कि चांदी और पारा से बने पारद शिवलिंग में कई तरह की शक्ति आ जाती है। उदाहरण के तौर पर कहा गया है कि अगर पारद शिवलिंग को बर्फ पर रख दिया जाय तो वह अपने आकार के बराबर बर्फ को सोख लेता है। पारद शिवलिंग समस्त दुखो का नाश करने वाला मानसिक व शारिरिक चिन्ताओ का अंत करने और शांति प्रदान करने वाला बताया गया है

पारद को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है और ब्रह्माण्ड को जन्म देने वाले उनके वीर्य का प्रतीक भी इसे माना जाता है। धातुओं में अगर पारद को शिव का स्वरूप माना गया है तो ताम्र को माँ पार्वती का स्वरूप। इन दोनों के समन्वय से शिव और शक्ति का सशक्त रूप उभर कर सामने आ जाता है। ठोस पारद के साथ ताम्र को जब उच्च तापमान पर गर्म करते हैं तो ताम्र का रंग स्वर्णमय हो जाता है। इसीलिए ऐसे शिवलिंग को सुवर्ण रसलिंग भी कहते हैं।

उस पर मेरी कृपा सदा बनी रहेगी

पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?

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